Tuesday, 9 August 2016

Touring the City's Uncanny


Nazi Book Burning Memorial
Berlin 2016



A windowed underground shaft
Translucent under my travelling shoes.

A framed gap,
Like a couple of tiles come loose
From too much stomping,
Peeping through the solid University square.

Reflecting some sky
and a sinking hollow.

An empty library,
An inverted monument
Clawing at my feet. 

1 comment:

  1. Tej Bhai Saheb has translated this poem into Hindi

    हिंदी में रूपांतरण -- एक प्रयत्न।
    **
    एक झरोखा भूमिगत में उतरता
    पारदर्शी प्रकाश दंड सा
    मेरे यात्रा-व्यस्त पदत्राणों के नीचे।
    एक चौखट मढ़ी सी दूरी,
    जैसे एक जोड़ी टाइल
    होती ढीली बहुत भारी क़दमों से।
    झांकते हुए विश्वविद्यालय के ठोस अहाते में,
    प्रतिबिंवित होता एक टुकड़ा आकाश
    और धसता हुआ पोला।
    एक खाली पुस्तकालय,
    एक उल्टे स्मारक ने पंजे से
    जकड़ा हुआ पांव मेरा।

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